भारत आज विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश बन चुका है, और यह स्थिति पिछले कई वर्षों से बनी हुई है. भारत ने न केवल चावल उत्पादन में अपनी पकड़ मजबूत की है, बल्कि वैश्विक बाज़ारों में इसकी गुणवत्ता और विविधता के कारण भारतीय चावल की मांग भी तेज़ी से बढ़ी है. दुनिया के लगभग हर कोने में भारतीय बासमती और गैर-बासमती चावल की उपस्थिति है।
वर्ष 2024-25 में भारत ने लगभग 22 मिलियन मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया था. वहीं, थाईलैंड इस सूची में दूसरे स्थान पर रहा, जिसने लगभग 7.5 मिलियन मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया।
वर्तमान में वैश्विक चावल निर्यात में भारत का योगदान लगभग 30-40 प्रतिशत है।
यह निर्यात मुख्य रूप से खाड़ी देशों, अफ्रीका, यूरोप और दक्षिण एशिया के देशों को किया गया।
भारत दो प्रकार के चावल के लिए प्रसिद्ध है – बासमती और गैर-बासमती।
बासमती चावल, जो मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में उगाया जाता है, अपनी लंबी दानों, सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है. यह चावल खाड़ी देशों, ईरान, इराक, अमेरिका और यूरोप में बेहद लोकप्रिय है।
दूसरी ओर, गैर-बासमती चावल का उत्पादन भारत के लगभग हर राज्य में होता है, जिसमें पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्य प्रमुख हैं. यह चावल मुख्य रूप से अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में निर्यात किया जाता है।
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