गंगा एक्सप्रेसवे: उत्तर प्रदेश के भविष्य का हाईवे
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में बनाया जा रहा 594 किलोमीटर लंबा, 6 लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे है, जिसे भविष्य में 8 लेन तक किया जा सकता है. यह एक्सप्रेसवे मेरठ को प्रयागराज से जोड़ेगा. इससे लगभग 600 किलोमीटर की दूरी मात्र छह घंटे में तय हो सकेगी।
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें मेरठ, हापुड, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ शामिल हैं।
एक्सप्रेसवे पर वाहनों को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने की अनुमति होगी।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
गंगा एक्सप्रेसवे केवल सड़क नहीं है, यह कनेक्टिविटी का सेतु है जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को जोड़ेगा. इससे क्या-क्या फायदे होंगे?
1. रोजगार के अवसर: निर्माण कार्य से हज़ारों लोगों को रोज़गार मिल रहा है और भविष्य में इससे जुड़े लॉजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
2. औद्योगिक विकास: एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रस्तावित हैं।
3. पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा: मेरठ, हरदोई, रायबरेली, प्रयागराज जैसे शहरों को जोड़ने के कारण तीर्थ और पर्यटन को गति मिलेगी।
कम लॉजिस्टिक लागत: एक स्थान से दूसरे स्थान तक माल पहुंचाने की लागत घटेगी।
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