24 जुलाई 2025 को भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर हुए, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को एक नई ऊँचाई पर ले जाने वाला कदम माना जा रहा है।
FTA के तहत यूके ने भारत के 99% से अधिक उत्पादों पर आयात शुल्क या तो समाप्त कर दिया है या काफी हद तक घटा दिया है। इससे वस्त्र, चमड़ा, जूतों, आभूषणों, कृषि और खाद्य उत्पादों जैसे क्षेत्रों के निर्यात को भारी बढ़ावा मिलेगा। इससे भारत के MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा।
इस समझौते के माध्यम से भारत के IT, वित्त, शिक्षा, योग, और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों से जुड़े पेशेवरों के लिए यूके में काम करने का रास्ता आसान हुआ है. भारत से हर साल 1,800 पेशेवरों को वीज़ा देने का प्रावधान किया गया है. इससे भारतीय प्रतिभा को वैश्विक मंच पर और अधिक मौके मिलेंगे।
FTA के बाद ब्रिटेन से आयात होने वाले उत्पादों—जैसे कि व्हिस्की, चॉकलेट, स्किन केयर उत्पाद, फैशनेबल वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स—पर लगने वाला भारी शुल्क अब घटा दिया गया है. इससे ये उत्पाद भारत में पहले से सस्ते हो जाएंगे, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
यह समझौता सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे भारत-यूके के बीच रणनीतिक रिश्ते भी गहरे होंगे।
भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में लगभग 56 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच चुका है, और दोनों देशों ने वर्ष 2030 तक इस आंकड़े को दोगुना करने का साझा लक्ष्य निर्धारित किया है।
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