भारत की प्रमुख आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने हाल ही में लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है, जो उसकी कुल कार्यबल का लगभग 2 प्रतिशत हिस्सा है. दूसरी ओर, Microsoft ने इस साल दो चरणों में 9,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. यह केवल इन दो कंपनियों तक सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य वैश्विक और भारतीय कंपनियां भी इसी रास्ते पर चल रही हैं।
TCS ने इस छंटनी के पीछे मुख्य कारण कौशल और काम की प्रकृति में असंतुलन को बताया है. कंपनी का कहना है कि कई ऐसे कर्मचारी हैं जिनके कौशल मौजूदा प्रोजेक्ट्स की ज़रूरतों के अनुसार नहीं हैं. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे बड़ा कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का तेजी से बढ़ता उपयोग और ऑटोमेशन है।
छंटनी की यह लहर केवल इन कंपनियों तक सीमित नहीं है. Intel, Meta, Google, IBM जैसी कंपनियों ने भी वर्ष 2025 में हजारों की संख्या में नौकरियों में कटौती की है. इनमें से कई कंपनियां HR, डाटा एंट्री और सपोर्ट जैसी भूमिकाएं खत्म कर रही हैं, जो अब AI और अन्य टूल्स से संचालित की जा सकती हैं।
यही कारण है कि AI, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में कुशल लोगों की मांग तेजी से बढ़ी है।
अब टिके रहने के लिए कर्मचारियों को लगातार सीखते रहना होगा और नई तकनीकों को अपनाना पड़ेगा।
Post a comment