आज के समय में युद्ध के दौरान मिसाइलों और ड्रोन का प्रयोग लगातार बढ़ता जा रहा है, इसी कारण किसी भी देश के लिए एयर डिफेंस सिस्टम का होना बेहद जरूरी हो गया है. इसी जरूरत को समझते हुए भारत ने अपना स्वदेशी ‘आकाश एयर डिफेंस सिस्टम’ विकसित किया।
1. क्या है आकाश एयर डिफेंस सिस्टम?
आकाश एक सतह से हवा में मार करने वाली (Surface to Air) मिसाइल प्रणाली है, जिसे DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने विकसित किया है. इसका मुख्य उद्देश्य है – भारत की वायुसीमा में आने वाले दुश्मन के लड़ाकू विमान, ड्रोन, मिसाइल या हेलीकॉप्टर को हवा में ही नष्ट करना।
यह सिस्टम 100% स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और इसका उपयोग सेना और वायु सेना दोनों द्वारा किया जाता है।
2. तकनीकी विशेषताएँ:
मारक क्षमता: 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तक टारगेट को नष्ट कर सकती है।
गति: ध्वनि की गति से लगभग 2.5 गुना तेज (Mach 2.5)।
ऊँचाई: यह प्रणाली 20 किलोमीटर की ऊँचाई तक उड़ने वाले लक्ष्यों को भी भेद सकती है।
मल्टी टारगेट क्षमता: एक साथ कई लक्ष्यों को पहचानकर उन्हें अलग-अलग मिसाइल से मार गिराने की क्षमता।
3. सामरिक महत्व:
सैन्य अभियान (जैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’) में इसने एक साथ पाकिस्तान से आने वाले कई ड्रोन और संभावित मिसाइल हमलों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया।
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम भारत की पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं (विशेषकर पाकिस्तान और चीन के साथ सटी सीमाओं) पर तैनात है।
इसकी खास बात यह है कि इसे ट्रक या व्हीकल पर लगाकर कहीं भी तैनात किया जा सकता है. इससे इसे तेजी से किसी भी रणनीतिक स्थान पर पहुँचाया जा सकता है।
4. आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण:
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से भारत में ही विकसित किया गया है – इसमें इस्तेमाल होने वाले रडार, लॉन्चर, मिसाइल, कमांड कंट्रोल यूनिट, सभी का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत किया गया है. इससे रक्षा क्षेत्र में विदेशी निर्भरता कम हुई है।
5. निर्यात:
भारत ने यह सिस्टम अपने मित्र देश आर्मेनिया को बेचा है. कई देशों ने आकाश एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने में रुचि दिखाई है।
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