दुनिया के सबसे गरीब देश
पूरी दुनिया में विकास की दौड़ जारी है, लेकिन आज भी कुछ देश ऐसे हैं जो अत्यधिक गरीबी का सामना कर रहे हैं. इन देशों की अर्थव्यवस्था कमजोर है, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा प्रणाली बदहाल है, और लोग बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं।
IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) द्वारा 2025 तक के आँकड़ों के अनुसार 2025 में क्रय शक्ति समता (GDP per capita PPP) के आधार पर दुनिया के सबसे गरीब देशों की सूची —
2025 में दुनिया के सबसे गरीब देश (GDP प्रति व्यक्ति PPP के आधार पर)
IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के अप्रैल 2025 के आंकड़ों के अनुसार:
देश का नाम – GDP प्रति व्यक्ति (PPP में) USD में अनुमानित
Country GDP Per Capita
| South Sudan | $716.25 |
| Burundi | $1,020 |
| Central African Republic | $1,330 |
| Yemen | $1,670 |
| Mozambique | $1,730 |
| Malawi | $1,760 |
| Congo | $1,880 |
| Somalia | $1,920 |
| Liberia | $2,010 |
| Madagascar | $2,040 |
Source: Forbesindia
GDP per capita PPP का क्या मतलब है?
GDP प्रति व्यक्ति (PPP) का अर्थ है किसी देश की कुल आर्थिक उत्पादन क्षमता को उसकी जनसंख्या और स्थानीय जीवनयापन की लागत के अनुसार मापा गया औसत. इससे यह समझा जा सकता है कि किसी आम नागरिक की औसतन आर्थिक स्थिति क्या है, इस तुलना में कि वह देश कितना अमीर या गरीब है।
गरीबी के मुख्य कारण:
1. राजनीतिक अस्थिरता: लंबे समय से युद्ध, तख्तापलट और नागरिक संघर्ष।
2. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: बेरोजगारी और बीमारियों का बोझ।
3. बुनियादी ढांचे का अभाव: सड़क, बिजली, जल, इंटरनेट जैसी सुविधाओं की कमी।
4. भ्रष्टाचार: सरकारी तंत्र में पारदर्शिता की कमी।
क्या कोई समाधान है?
शिक्षा में निवेश: स्थायी विकास के लिए सबसे आवश्यक पहलू।
स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार: WHO जैसे संस्थानों की मदद से।
स्थानीय उद्यमों का समर्थन: छोटे व्यापारों को बढ़ावा देना।
विदेशी सहायता का प्रभावी उपयोग: केवल फंडिंग से नहीं, बल्कि निगरानी भी जरूरी।
निष्कर्ष:
दुनिया के सबसे गरीब देश विकास की दौड़ में बहुत पीछे हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सहयोग, पारदर्शिता और शिक्षा उनका भविष्य बदल सकती है।

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